LIFE CHANGING VASTU TIPS
Testimonial
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बहुत ही अच्छा जानकारी दी जाती है
Sanjiv Chaudhary
September 18, 2024ज्योतिष एक विशुद्ध गणित है। और वास्तु विज्ञान है। आदरणीय प्रणव जी को इन दोनो में महारत हासिल है। ज्योतिष द्वारा भविष्य फल देख सकते हैं। एंव कुछ उपाय द्वारा किसी भी परेशानी का हल निकाल लिया जाता है। वास्तु शास्त्र आपके जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने में सहायक होता है। अत: यह कहना उचित होगा कि इन दोनो का समन्वय कर प्रणव जी आम जनमानस को छोटे छोटे उपाय बताकर उनके जीवन को सुखी और समृद्ध बना रहे हैं।
Triloki Chaurasia
August 21, 2023astro Pranav Ojha was really to good I like thier treatment and they are not fake astrologer it's gave better treatment for your solution.
Arjun Singh
September 7, 2022 -
I have consulted about my working problem , astro pranav ojha gave me better solution for my problem I really like this service , thank you sir.
Pawan Gupta
September 7, 2022He's a very good astrologer. His calculations are really meaningful. His predictions are very helpful
Sving Bhai
October 1, 2022I really recommend to you all must visit it and you have any health related problems must consultant them they are nice astrologer.
Manju Kumari
September 7, 2022 -
He is a nice person and also there predictions comes true as I also my job few months ago but then when I met him he tell me that after few months there is chance of business man this is true
Harshwan Shelke
September 28, 2022बहुत ही ज्यादा शानदार आपका पेज
Ravinddra Pandey
August 20, 2023अगर आप इनके बारे में लिखने लगे तो शब्द भी कम पड़ जाएंगे बहुत ही अद्भुत आवाज है इनकी और उतना ही अद्भुत व्यक्तित्व है। इनके यूट्यूब वीडियो तो काम के हैं ही परंतु आज इनसे बात करके ऐसा लगा कि जीवन जैसा हम सोचते हैं वैसा होता नहीं है उसको अपने लायक बनाना पड़ता है इनकी बातों से बहुत हिम्मत मिलती है और इनका विश्लेषण करने का तरीका बहुत ही अद्भुत है यह आपको एक परिवार की तरह एक बड़े भाई की तरह समझाते हैं और सलाह देते हैं जीवन में अगर कोई भी परेशानी हो और प्रणव जी जैसा इंसान आपको समझाने के लिए मिल जाए तो आपको स्वयं ही अपने जीवन से प्यार हो जायेगा। ऐसे इंसान से जुड़कर आप खुद में बहुत सकारात्मक्ता महसूस करेंगे। जैसी संगत वैसी रंगत सबसे जरूरी "आपको खुद से प्यार हो जायेगा"। i am very lucky i got a chance to talk to him thank you universe
Neha Goyal
November 13, 2021 -
He has very deep knowledge of astrology.
Deepak Bishnoi
August 20, 2023Guruji has a friendly nature or he talk as a friend to know the correct problem.
Suresh Chaudhary
September 7, 2022Predictions are very good..gives best advice for your peaceful and good future...thanks
Umesh Sinha
September 30, 2022 -
It's not only about the predictions he gave but also he tries to show you the right path to succeed in life. The way he tells to handle and tackle our problems are amazing
Binod Kumar
September 28, 2022Most great and nice Astrology service. I am recommended this family problem solution
Shayam Sundar
September 5, 2022astro pranav ojha was amazing because ,I would recommend to you all visit this best astrologer in there are always helping us . And kindly nature.
Vivek Kumar
September 7, 2022 -
Wonderful experience with them they are such a good astrologer in Uttar pradesh. I loved thier behavior .
Shanti Sharma
September 7, 2022अच्छी और सच्ची जानकारी देते हैं
Balrajsinh Chauhan
April 1, 2024very helpful and supportive page
Gagan Kumar
August 20, 2023 -
Best astrologer in Uttar Pradesh astro pranav ojha best for career related problems. My B. Tech results was out and I have fail on this exam then all are told him to drop out this course then my fri
Ravi Singh
September 7, 2022Amazing astrologer. Must visit him when in difficult situations of life as he guides you the best. I highly recommend people as i have found relief from my problems in life to the maximum extent.
Aryan L
October 3, 2022*अति दुर्लभ एक ग्रंथ ऐसा भी है हमारे सनातन धर्म मे* इसे तो सात आश्चर्यों में से पहला आश्चर्य माना जाना चाहिए --- *यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थ* क्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो राम कथा के रूप में पढ़ी जाती है और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़े तो कृष्ण कथा के रूप में होती है । जी हां, कांचीपुरम के 17वीं शदी के कवि वेंकटाध्वरि रचित ग्रन्थ "राघवयादवीयम्" ऐसा ही एक अद्भुत ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ भी कहा जाता है। पूरे ग्रन्थ में केवल 30 श्लोक हैं। इन श्लोकों को सीधे-सीधे पढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनती है और विपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर कृष्णकथा। इस प्रकार हैं तो केवल 30 श्लोक, लेकिन कृष्णकथा (उल्टे यानी विलोम)के भी 30 श्लोक जोड़ लिए जाएँ तो बनते हैं 60 श्लोक। पुस्तक के नाम से भी यह प्रदर्शित होता है, राघव (राम) + यादव (कृष्ण) के चरित को बताने वाली गाथा है ~ "राघवयादवीयम।" उदाहरण के तौर पर पुस्तक का पहला श्लोक हैः वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः । रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥ अर्थातः मैं उन भगवान श्रीराम के चरणों में प्रणाम करता हूं, जो जिनके ह्रदय में सीताजी रहती है तथा जिन्होंने अपनी पत्नी सीता के लिए सहयाद्री की पहाड़ियों से होते हुए लंका जाकर रावण का वध किया तथा वनवास पूरा कर अयोध्या वापिस लौटे। अब इस श्लोक का विलोमम्: इस प्रकार है सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः । यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥ अर्थातः मैं रूक्मिणी तथा गोपियों के पूज्य भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रणाम करता हूं, जो सदा ही मां लक्ष्मी के साथ विराजमान है तथा जिनकी शोभा समस्त जवाहरातों की शोभा हर लेती है। " राघवयादवीयम" के ये 60 संस्कृत श्लोक इस प्रकार हैं:- राघवयादवीयम् रामस्तोत्राणि वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः । रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥ विलोमम्: सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः । यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥ साकेताख्या ज्यायामासीद्याविप्रादीप्तार्याधारा । पूराजीतादेवाद्याविश्वासाग्र्यासावाशारावा ॥ २॥ विलोमम्: वाराशावासाग्र्या साश्वाविद्यावादेताजीरापूः । राधार्यप्ता दीप्राविद्यासीमायाज्याख्याताकेसा ॥ २॥ कामभारस्स्थलसारश्रीसौधासौघनवापिका । सारसारवपीनासरागाकारसुभूरुभूः ॥ ३॥ विलोमम्: भूरिभूसुरकागारासनापीवरसारसा । कापिवानघसौधासौ श्रीरसालस्थभामका ॥ ३॥ रामधामसमानेनमागोरोधनमासताम् । नामहामक्षररसं ताराभास्तु न वेद या ॥ ४॥ विलोमम्: यादवेनस्तुभारातासंररक्षमहामनाः । तां समानधरोगोमाननेमासमधामराः ॥ ४॥ यन् गाधेयो योगी रागी वैताने सौम्ये सौख्येसौ । तं ख्यातं शीतं स्फीतं भीमानामाश्रीहाता त्रातम् ॥ ५॥ विलोमम्: तं त्राताहाश्रीमानामाभीतं स्फीत्तं शीतं ख्यातं । सौख्ये सौम्येसौ नेता वै गीरागीयो योधेगायन् ॥ ५॥ मारमं सुकुमाराभं रसाजापनृताश्रितं । काविरामदलापागोसमावामतरानते ॥ ६॥ विलोमम्: तेन रातमवामास गोपालादमराविका । तं श्रितानृपजासारंभ रामाकुसुमं रमा ॥ ६॥ रामनामा सदा खेदभावे दया-वानतापीनतेजारिपावनते । कादिमोदासहातास्वभासारसा-मेसुगोरेणुकागात्रजे भूरुमे ॥ ७॥ विलोमम्: मेरुभूजेत्रगाकाणुरेगोसुमे-सारसा भास्वताहासदामोदिका । तेन वा पारिजातेन पीता नवायादवे भादखेदासमानामरा ॥ ७॥ सारसासमधाताक्षिभूम्नाधामसु सीतया । साध्वसाविहरेमेक्षेम्यरमासुरसारहा ॥ ८॥ विलोमम्: हारसारसुमारम्यक्षेमेरेहविसाध्वसा । यातसीसुमधाम्नाभूक्षिताधामससारसा ॥ ८॥ सागसाभरतायेभमाभातामन्युमत्तया । सात्रमध्यमयातापेपोतायाधिगतारसा ॥ ९॥ विलोमम्: सारतागधियातापोपेतायामध्यमत्रसा । यात्तमन्युमताभामा भयेतारभसागसा ॥ ९॥ तानवादपकोमाभारामेकाननदाससा । यालतावृद्धसेवाकाकैकेयीमहदाहह ॥ १०॥ विलोमम्: हहदाहमयीकेकैकावासेद्ध्वृतालया । सासदाननकामेराभामाकोपदवानता ॥ १०॥ वरमानदसत्यासह्रीतपित्रादरादहो । भास्वरस्थिरधीरोपहारोरावनगाम्यसौ ॥ ११॥ विलोमम्: सौम्यगानवरारोहापरोधीरस्स्थिरस्वभाः । होदरादत्रापितह्रीसत्यासदनमारवा ॥ ११॥ यानयानघधीतादा रसायास्तनयादवे । सागताहिवियाताह्रीसतापानकिलोनभा ॥ १२॥ विलोमम्: भानलोकिनपातासह्रीतायाविहितागसा । वेदयानस्तयासारदाताधीघनयानया ॥ १२॥ रागिराधुतिगर्वादारदाहोमहसाहह । यानगातभरद्वाजमायासीदमगाहिनः ॥ १३॥ विलोमम्: नोहिगामदसीयामाजद्वारभतगानया । हह साहमहोदारदार्वागतिधुरागिरा ॥ १३॥ यातुराजिदभाभारं द्यां वमारुतगन्धगम् । सोगमारपदं यक्षतुंगाभोनघयात्रया ॥ १४॥ विलोमम्: यात्रयाघनभोगातुं क्षयदं परमागसः । गन्धगंतरुमावद्यं रंभाभादजिरा तु या ॥ १४॥ दण्डकां प्रदमोराजाल्याहतामयकारिहा । ससमानवतानेनोभोग्याभोनतदासन ॥ १५॥ विलोमम्: नसदातनभोग्याभो नोनेतावनमास सः । हारिकायमताहल्याजारामोदप्रकाण्डदम् ॥ १५॥ सोरमारदनज्ञानोवेदेराकण्ठकुंभजम् । तं द्रुसारपटोनागानानादोषविराधहा ॥ १६॥ विलोमम्: हाधराविषदोनानागानाटोपरसाद्रुतम् । जम्भकुण्ठकरादेवेनोज्ञानदरमारसः ॥ १६॥ सागमाकरपाताहाकंकेनावनतोहिसः । न समानर्दमारामालंकाराजस्वसा रतम् ॥ १७ विलोमम्: तं रसास्वजराकालंमारामार्दनमासन । सहितोनवनाकेकं हातापारकमागसा ॥ १७॥ तां स गोरमदोश्रीदो विग्रामसदरोतत । वैरमासपलाहारा विनासा रविवंशके ॥ १८॥ विलोमम्: केशवं विरसानाविराहालापसमारवैः । ततरोदसमग्राविदोश्रीदोमरगोसताम् ॥ १८॥ गोद्युगोमस्वमायोभूदश्रीगखरसेनया । सहसाहवधारोविकलोराजदरातिहा ॥ १९॥ विलोमम्: हातिरादजरालोकविरोधावहसाहस । यानसेरखगश्रीद भूयोमास्वमगोद्युगः ॥ १९॥ हतपापचयेहेयो लंकेशोयमसारधीः । राजिराविरतेरापोहाहाहंग्रहमारघः ॥ २०॥ विलोमम्: घोरमाहग्रहंहाहापोरातेरविराजिराः । धीरसामयशोकेलं यो हेये च पपात ह ॥ २०॥ ताटकेयलवादेनोहारीहारिगिरासमः । हासहायजनासीतानाप्तेनादमनाभुवि ॥ २१॥ विलोमम्: विभुनामदनाप्तेनातासीनाजयहासहा । ससरागिरिहारीहानोदेवालयकेटता ॥ २१॥ भारमाकुदशाकेनाशराधीकुहकेनहा । चारुधीवनपालोक्या वैदेहीमहिताहृता ॥ २२॥ विलोमम्: ताहृताहिमहीदेव्यैक्यालोपानवधीरुचा । हानकेहकुधीराशानाकेशादकुमारभाः ॥ २२॥ हारितोयदभोरामावियोगेनघवायुजः । तंरुमामहितोपेतामोदोसारज्ञरामयः ॥ २३॥ विलोमम्: योमराज्ञरसादोमोतापेतोहिममारुतम् । जोयुवाघनगेयोविमाराभोदयतोरिहा ॥ २३॥ भानुभानुतभावामासदामोदपरोहतं । तंहतामरसाभक्षोतिराताकृतवासविम् ॥ २४॥ विलोमम्: विंसवातकृतारातिक्षोभासारमताहतं । तं हरोपदमोदासमावाभातनुभानुभाः ॥ २४॥ हंसजारुद्धबलजापरोदारसुभाजिनि । राजिरावणरक्षोरविघातायरमारयम् ॥ २५॥ विलोमम्: यं रमारयताघाविरक्षोरणवराजिरा । निजभासुरदारोपजालबद्धरुजासहम् ॥ २५॥ सागरातिगमाभातिनाकेशोसुरमासहः । तंसमारुतजंगोप्ताभादासाद्यगतोगजम् ॥ २६॥ विलोमम्: जंगतोगद्यसादाभाप्तागोजंतरुमासतं । हस्समारसुशोकेनातिभामागतिरागसा ॥ २६॥ वीरवानरसेनस्य त्राताभादवता हि सः । तोयधावरिगोयादस्ययतोनवसेतुना ॥ २७॥ विलोमम् नातुसेवनतोयस्यदयागोरिवधायतः । सहितावदभातात्रास्यनसेरनवारवी ॥ २७॥ हारिसाहसलंकेनासुभेदीमहितोहिसः । चारुभूतनुजोरामोरमाराधयदार्तिहा ॥ २८॥ विलोमम् हार्तिदायधरामारमोराजोनुतभूरुचा । सहितोहिमदीभेसुनाकेलंसहसारिहा ॥ २८॥ नालिकेरसुभाकारागारासौसुरसापिका । रावणारिक्षमेरापूराभेजे हि ननामुना ॥ २९॥ विलोमम्: नामुनानहिजेभेरापूरामेक्षरिणावरा । कापिसारसुसौरागाराकाभासुरकेलिना ॥ २९॥ साग्र्यतामरसागारामक्षामाघनभारगौः ॥ निजदेपरजित्यास श्रीरामे सुगराजभा ॥ ३०॥ विलोमम्: भाजरागसुमेराश्रीसत्याजिरपदेजनि ।स गौरभानघमाक्षामरागासारमताग्र्यसा ॥ ३०॥ ॥ इति श्रीवेङ्कटाध्वरि कृतं श्री ।। *कृपया अपना थोड़ा सा कीमती वक्त निकाले और उपरोक्त श्लोको को गौर से अवलोकन करें कि यह दुनिया में कहीं भी ऐसा न पाया जाने वाला ग्रंथ है ।* जय श्री राम
दिलीप निगम
April 19, 2020 -
He is a great astrologer that I have ever met.His guidance makes me growing up in my career and personal life too.He is a great mentor too.Whenever I need atrological guidance I go for him.
Abisai Ain
September 29, 2022astro pranav ojha astrologer there horoscope reading and face reading was really amazing thank you very much for good service.
Kapil Singh
September 7, 2022Yes he good in his field. i can 1000% sure you will get good result
Saurabh Jaiswal
September 18, 2024 -
after talking to guruji my mind is getting another level piece.
Chris Evan
September 8, 2022astro pranav Ojha are very friendly nature, and helpful thank you so mush for your service. Thank you gurujii.
Jitendra Chaudhary
September 7, 2022He is very friendly and hear all my problems with patience and provide the solutions which i am going to follow....i should recommend
Alice Cox
September 29, 2022 -
A very trusted person. If you are facing any life problems.. kindly contact him. Within 24 hours u can see results
Durgesh Vishpute
September 30, 2022They are really wonderful Astrologer I recently met with them but they are really wonderful.
Nidhi Vishwakarma
September 7, 2022Excellent treatment by the horoscope reading and face reading,I have very worriod about me career, there astro pranav ojha who was gave better solution on my problem Thank you guru ji
Krishna Yadav
September 7, 2022


Pranav Upmanyu
VASTU CONSULTANCY
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